Evening post july 19 (1)

कभी-कभी मैं जिंदगी को आसमाँ में तैरते हुए पंछियों की भांति महसूस करता हूँ। शांत, उन्मुक्त आसमाँ में उसे उड़ता देखकर लगता है जैसे वहाँ शायद वह अमर हो जाती होगी। हर पीड़ा हर बंधन से मुक्त। और वह पल मेरे लिए अविस्मरणीय हो जाता है। 

2 thoughts on “Evening post july 19 (1)

Leave a reply to Amitkhareblog Cancel reply